Storage Device Kya Hai

आज के बदलते इंडिया के साथ हर कोई अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहता है, फिर चाहे वह कोई भी Category क्यों ना हो. इसलिए आपकी मदद करने के लिए हम आपको Storage Device kya hai ओर Types Of Storage Devices In Hindi के बारे में बताने वाले हैं.

यदि आप भी अपने Data को Long-term या फिर Short-term के लिए Save करना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं, क्योंकि Primary storage devices kya hai ओर Secondary storage device kya hai इसके बारे में भी हम आपको सटीक Research करके जानकारी देने वाले हैं.

चलिए दोस्तों मेरे साथ एक ऐसे सफर पर जहां पर कि हम आपको Storage Device के बारे में A to Z जानकारी देने वाले हैं।

Computer Ki Storage Device kya hai – 

Storage Device का मतलब होता है कि “Computer” या फिर किसी भी Device में कम समय या फिर ज्यादा समय के लिए Information स्टोर करना” जिसे Storage Device कहा जाता है. नाम से ही आपको पता चल गया होगा कि हम इसमें image, Vidios या फिर कोई भी चीज आसानी से Store कर सकते हैं.

Storage Device Kya Hai

यह एक ऐसा Hardware बनाया गया है, जिसमें कि आप सुरक्षित तरीके से Save करके, जरूरत के समय इस्तेमाल कर सकते हैं. Example के तौर पर मान लीजिए आज आपने 50 Images Clicks‌ किये ओर आप इसे जिंदगी भर Save करना चाहते हैं, ताकि आप अपनी Life कि एक Memory Create कर सकें.

यदि आप इसे जिंदगी भर के लिए Save या फिर कम समय के लिए सेव करना चाहते हैं तो आप Storage Device का इस्तेमाल कर सकते हैं. आसान शब्दों में कहें तो अपनी एक Memory Create‌‌ करने के लिए बनाया गया Hardware.

Storage Device के प्रकार

Computers में जो storage device का इस्तेमाल किया जाता है वो मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं. जिसमें सबसे पहला-

  1. Primary storage devices
  2. Secondary storage device

1. Primary storage devices kya hai – 

Primary Storage Devices को Volatile Memory भी कहां जाता है, यह Computer की Main memory होती है.जिससे कंप्यूटर में Store data को तेजी से Access किया जा सकता है.

हम जब किसी data पर काम कर रहे होते है तो वह data इसी Memory पर Store रहता है. यह Data तब तक रहता है जब तक उसपर काम हो रहा हो. Data Save करने के बाद यहाँ से हट जाता है क्युकी यह Data कुछ ही समय के लिए Store होता है.

इसकी Storage Capcity काफी कम होती है ,परन्तु इसकी गति काफी तेज़ होती है. अगर Electronic Device को बंद किया जाए तो इसमें मौजूद Storage Data डिलीट हो जाता है. यह दो प्रकार की होती है-

  1. RAM
  2. ROM

Ram Kya hai ( What Is Ram ) – 

Ram का Full form “Random Access Memory” है. Primary storage devices के अंदर यह main memory होती है ओर इसमें Data Computer के on रहने तक ही Store रहता है.

यही पर System के सभी Application रन होते है, और शायद आपको पता नहीं होगा लेकिन यही Apps को Run करने का space देता है, तभी हम उसपर काम कर पाते है तथा यह पर ही Data Randomly store होता है. इसे Read & Write Memory भी कहां जाता है.

Examples;

  • DRAMA
  • SRAM

Rom kya hai (What is Rom) – 

ROM का Full Form “Read Only Memory” है. इसका डाटा केवल Read किया जा सकता है लेकिन इसमें नया Data जोड़ नहीं सकते हैं. यह भी एक primary memory का भाग है , लेकिन ये non – Volatile Nature का होता है. इसमें Store Data System के Off होने के बाद भी Same वैसे ही store रहता है।

इसका इस्तेमाल Computer के Booting process के लिए होता है. इसका ही एक उदाहरण बायोस ( BIOS ) है यह system के on होने पर सभी Input & Output devices को Control करता है.

Examples;

  • PROM
  • EPROM
  • EEPROM

2. Secondary Storage Device kya Hai – 

यह कंप्यूटर की Permanent Memory होती है जिसमें Data ओर Information स्थाई रूप से Store रहता है. इनमें Data रखने की Capacity अधिक होती है क्योंकि इनकी Storage क्षमता अधिक होती है।

यह Internal ओर External रूप से Data को स्टोर करके रखता हैं, जैसे कि- Hard Disk,Optical Disk Drive ओर Usb Storage Device आदि… इसमें Data की स्टोरेज को घटा-बढ़ा भी सकते हैं और इसमें Data Access करने की गति Primary Storage से धीमी होती है।

सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण – 

1.Hard Disk Drive

Hard Disk को Short Name में HDD भी कहा जाता है। यह किसी भी बड़े इलेक्ट्रॉनिक Device कि सबसे ज्यादा यूज की जाने वाली Storage Device है.

इसके अंदर एक disk लगी होती है, जो कि पुरी तरह magnetic disk होती है. दूसरे Storage Device के मुकाबले इसमें डाटा स्टोरेज कैपेसिटी कहीं ज्यादा होती है.

इसकी घुमने की गति को RPM ( Revolutions Per Minute ) के द्वारा मापा जाता है एवं इसकी Plate track & sector में बंटी होती है. एक sector में 512byte data store होता है. इसमें data store और read तीन समय में होता है.

1.Seek Time :- disk में डाटा को रीड या राईट करने वाले Track तक पहुँचने में लगते समय को सीक टाइम कहते है.

2.Latency time : – Track में Data के सेक्टर तक पहुँचने मे लगते समय को Latency time कहा जाता है.

3.Transfer Rate : – सेक्टर में डाटा को लिखने एवं Read करने में जो Time लगता है, उसे ट्रांसफर रेट कहा जाता है.

2.Optical Disk-

यह एक गोला कार , पतला disk होता है और इसको बनाने के लिए poly corbonate का use किया जाता है. इसके data को read & write करने के लिए कम intensify वाले optical laser का Use किया जाता है और यह data को digtal format में store करता है. इसकी Storage Data कि कैपेसिटी बहुत कम होती है.

Types of Optical Disk-

1. CD : – इसको compact disk के नाम से जानते है और इसमें 700MB तक data store होता है.

2.DVD : – इसको Digital versatile disk कहते है और इसमें 4.7GB से लेकर 17GB तक Data Store हो जाता है.

3.Floppy Disk-

पुराने समय में इसका use काफी अधिक था , लेकिन अब इसका use लगभग खत्म हो चुका है. यह disk काफी पतली और लचीली होती है , इसकी Storage Capcity बहुत ही ज्यादा कम होती है. इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा Document को Store करने के लिए किया जाता है.

अभी के समय में आपको 1.44MB से लेकर 2.88MB Storage Capcity वाली Floppy Disk मिल जाएगी.

आज आपने क्या सिखा

दोस्तों आज के इस पोस्ट के माध्यम से आप ने सिखा कि “Storage Device kya hai तथा Types Of Storage Devices” उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी तथा इस पोस्ट की मदद से आपकी कुछ हेल्प हुई होगी।

जिस तरह आपकी Help हों गई, उसी प्रकार आपके दोस्तों और रिश्तेदारों को भी Storage Device kya hai के बारे में जानना है, लेकिन उन्हें कोई जानकारी भेजने वाला नहीं है.

इसलिए यदि आप हमारी वाकई हेल्प करना चाहते हैं तो इस Post को तुरंत ही अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को Send कीजिए, ताकि वह भी बदलते इंडिया के साथ Grow कर पाए. तो चलिए दोस्तों जल्द ही मिलेंगे एक ऐसे ही शानदार पोस्ट के साथ तब तक के लिए अलविदा…..

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